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Profit and loss स्टेटमेंट को कैसे समझें Fundamental analysis in hindi -2025

Profit and loss स्टेटमेंट को कैसे समझें : Profit and loss statement 1 साल का और तिमाही का होता है। दोनों मामलों में Profit and loss statement का format सामान होता है। प्रॉफिट एंड लॉस, स्टेटमेंट में खास तौर पर 8 ऐसे पॉइन्ट्स होते हैं जिन्हें हमें जरूर समझना चाहिए।

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Profit and Loss Statement
p&l स्टेटमेंट को कैसे समझें fundamental analysis in hindi

Sales –

कोई भी कंपनी अपने प्रोडक्ट्स या सर्विसेज बेचकर ही मुनाफा कमाती है। तो जितने रुपयों की बिक्री हुई है वह total रकम यहाँ पर बताई जाती है।
उदाहरण के लिए एक फोन बनाने वाली कंपनी ने साल 2018-19 में 2000 करोड रुपए का सेल्स किया है। इसका मतलब यह है कि मार्च 2018 से लेकर मार्च 2019 तक इस कंपनी ने 2000 करोड रुपए के फोन बेचे हैं। यह आंकड़ा केवल बिक्री का होता है | कुछ कम्पनियाँ सर्विसेस बेचती है तो वे भी अपनी बिक्री देखाते है जिसका मतलब होता है की उनके व्यवसाय से उन्होंने उतने रूपये की सेवाएं बेची है।

Expenses -(Profit and loss स्टेटमेंट को कैसे समझें)

Expenses यानी खर्चे। जो दो हजार करोड़ रुपए के फोन बेचे हैं, तो उन्हें बनाने और बेचने में होने वाले खर्च को Expenses मे लिखा जाता है ,Employee ( कर्मचारी ) काम कर रहे हैं उनकी salary ( तनख्वाह ), transportation, storage, वाला पूरा खर्च Expenses में लिखा जाता है । इस खर्च में जो कच्चा माल इस्तेमाल हुआ है, यानी सभी तरह के खर्चे Expenses में दिखाए जाते हैं |
मान के चलते हैं 1500 करोड़ खर्च हुए हैं।
यानी सेल्स हुआ दो हजार करोड़ और एक्सपेंस हुआ है 1500 करोड़। यानी कंपनी ने ₹500 कमाए हैं । इस कमाई को Gross Profit (Operating Profit) कह सकते है ।

Gross Profit (Operating Profit) = Sales-Employee

Gross Profit (Operating Profit) = 2000 Cr. – 1500 Cr = 500 Cr.

Operating Profit – (Profit and loss स्टेटमेंट को कैसे समझें)

Sales में से Expenses निकाल दिया जाए तो, जो बचता है उसे Operating Profit कहते हैं |

उदाहरणार्थ, कंपनी ने 2000 करोड रुपए का Sales किया है, और 1500 करोड रुपए का Expense हुआ है | तो Operating Profit 500 करोड़ रूपये हुआ|
2000 करोड में से 1500 माइनस कर देते हैं आ जाता है 500 करोड रुपए | तो 500 करोड रुपए के प्रॉफिट को ही ऑपरेटिंग प्रॉफिट कहते हैं |

ऑपरेटिंग प्रॉफिट को ग्रॉस प्रॉफिट भी कहा जाता है | OPM यानी कि Operating Profit Margin | operating profit ” Sales ” का कितना प्रतिशत है वह प्रतिशत यानी ऑपरेटिंग प्रॉफिट मार्जिन होता है।
₹2000 का सेल ₹1500 का एक्सपेंस ₹500 का इनकम । तो 500 करोड रुपए, 2000 करोड रुपए का 25 प्रतिशत होता है | इस 25% को ही ऑपरेटिंग प्रॉफिट मार्जिन कहा जाता है ।

Other Income –

Other Income उसे कहते हैं, जो पैसे बिजनेस के अलावा अन्य Sources से कमाए गए हैं। जादातर कंपनियों का Other Income कंपनी द्वारा किए गए Investment पर मिलने वाला Return होता है । यानी कंपनी Mutual Fund, bonds, Shares, जमीन या किसी और तरीके से Investment कर सकती है
यहां पर Investment का मतलब है, जिस कंपनी का आप balance sheet देख रहे है उस कंपनी द्वारा किसी और कंपनी में या Shares में Investment करना या अन्य तरह के निवेश करना | और अदर इनकम का मतलब है इस Investment पर मिला हुवा Return (मुनाफा ) | तो ये 4 पॉइन्ट्स है, जिससे आपको यह पता चलता है की कंपनी कितना कमा रही है ।

अब अगर आप Operating Profit और Other Income दोनों को मिला दे तो कंपनी का Total Income आपको दिखेगा।

Total income = Operating Profit + Other Income

Total Income = 500 Cr . + 500 Cr . = 1000 Cr .


मान के चलते हैं कि Other Income 500 करोड़ है। तो कंपनी का Total Income हुआ 1000 करोड़ / अब जो अगले आंकड़े हम देखने वाले हैं वे Total Income में से (मायनस ) कम होते जाएंगे |

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Interest/Finance Cost :

कंपनी ने अगर कोई कर्जा लिया है, तो उस कर्जे पर दिया जाने वाला ब्याज | मान लेते हैं कि इंटरेस्ट 250 करोड रुपए देना है, तो Total Income 1000 करोड़ रुपए में से 250 करोड़ माइनस कर देगे | इंटरेस्ट को ही फाइनेंस कॉस्ट भी कहाँ जाता है।

Depreciation –

Depreciation इस शब्द का सादा सा अर्थ है मूल्यह्रास, यानी अगर आप ने पिछले साल ₹10000 का मोबाइल खरीदा था तो आज उस मोबाइल की कीमत कुछ ना कुछ कम हो गई होगी, और यही कीमत का कम होना ही, Depreciation कहलाता है। अगर कंपनी ने 1000 करोड़ रुपए कीमत की कोई मशीन खरीदी हुई होगी, तो हर साल इस मशीन की कीमत 100 करोड रुपए से कम होगी | और इसी 100 करोड़ को Depreciation कहा जाता है | तो 100 करोड़ रुपए को भी Total Income में से कम करना पड़ेगा |

यानी कंपनी का टोटल इनकम 1000 करोड़ था उसमें से 250 करोड़ Interestकटा,और 100 करोड़ Depreciation का कटा |अब उसके बाद Total Income बची 650 करोड रुपए ।

Tax –

अब कंपनी को Tax भी भरना होता है | कंपनी ने अपना पूरा बिजनेस करने के बाद और सभी खर्चे निकालने के बाद जो पैसा कमाया है ( 650 करोड़ रुपए) इस पर उन्हें Tax भरना होता है। मान के चलते है की कंपनी ने 150 करोड रुपए Tax भरा है । तो अब कंपनी के पास अंत में सिर्फ 500 करोड रुपए बचते हैं। जो कि कंपनी का शुद्ध लाभ है | इसे प्रॉफिट आफ्टर Tax (PAT ) भी कहा जाता है । कंपनी पर Tax कितना लगता है इसका जवाब है उस साल का कॉर्पोरेट Tax स्लैब मे देख सकते है |

Net Profit –

Net Profit यानी कंपनी के Gross Income से सभी तरह के खर्चे / Tax इत्यादि काटने के बाद जो Profit बचता है, जिसमें से किसी और तरह का और खर्चा नहीं निकालना बाकी रह जाता है, उसे Net Profit कहते हैं | यानी की शुद्ध लाभ, प्रॉफिट After Tax या Net Profit |

अब सवाल यह उठता है कि अगर आपके पास सिर्फ 10 शेअर्स हैं और आप देख रहे हैं कि कंपनी ने 500 करोड़ रुपए कमाए हैं तो इसका क्या मतलब समझें? दरअसल आपको Net Profit की बजाए EPS देखना चाहिए । EPS का मतलब Earnings Per Share है यानी प्रति शेअर आय । यानी कंपनी ने एक शेअर पर कितनी कमाई की है वह रकम

    Disclaimer : Stock Market से जुड़ी यह जानकारी केवल शिक्षा के उद्देश्य से है। Stock Market में निवेश करने से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से विचार जरूर करें।

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    EPS क्या होता है ?

    EPS का मतलब Earnings Per Share है यानी प्रति शेअर आय । यानी कंपनी ने एक शेअर पर कितनी कमाई की है वह रकम |

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